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White Room Torture: मानव इतिहास की सबसे भयानक सजा

white room torture

वाइट रूम टार्चर सबसे खतरनाक सजा होती है। क्योंकि वाइट रूम टार्चर  एक मानसिक और मनोवैज्ञानिक यातना हैं। ये उन अपराधियों को दी जाती है जिन्होंने बलात्कार जैसे अपराध किये होते है। ईरान में यह सजा सबसे ज्यादा राजनीतिक कैदियों को दी जाती है। इस सजा में अपराधी को एक सफ़ेद कमरे में रखा जाता है। इसीलिए इसे White Room Torture कहते है।

What is White Room Torture

वाइट रूम टार्चर में अपराधी को एक बिलकुल सफ़ेद कमरे में रखा जाता है। उस कमरे में सफ़ेद दीवारे, सफ़ेद फर्श, सफ़ेद रौशनी, सफ़ेद बाथरूम और अपराधीयों को पहनने के लिए भी बिलकुल सफ़ेद कपडे दिए जाते है। उस कमरे में हर एक चीज़ सफ़ेद होती है, यहाँ तक उसे जो खाना दिया जाता है वो भी पूरी तरह से सफ़ेद होता है।

वाइट रूम टार्चर अपराधी को मानसिक रूप से सजा देती हैं। वाइट रूम टार्चर में अपराधी को जिस वाइट सेल में रखा जाता है वहां बिलकुल शांति होती है। और ना ही उसे किसी से बात करने की और शोर मचाने की अनुमति होती है। वाइट टार्चर से अपराधी को इस स्तर पर मानसिक पीड़ा पहुंचाई जाती है की वह अपना नाम और पता तक भी भूल जाता है।

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एक कैदी के अनुभवों के आधार पर, बताया जाता है की उस कमरे में 4 से 5 दिन तक चुपचाप रहना बहुत मुश्किल है। ईरान के अधिकारिओ का मानना है की किसी को शारीरिक दण्ड देने की वजाय उसे मानसिक यातना देना ज्यादा पीड़ा देने वाला होता है।

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Pic credit: anandabazar.com

White Room Torture Effects

सजा पूरी होने के बाद कैदी बिलकुल भी नार्मल नहीं रहता है। क्योकि वह पुरे दिन और रात उसी सफ़ेद कमरे में बंद रहता है। वह ना तो बाहर का कोई भी दृश्य देख पाता है और न ही किसी की आवाज सुन पाता है। जिसकी वजह से उसमे अकेलापन, अवसाद और मानसिक आघात बढ़ जाता है और वह अपना मानसिक संतुलन खो देता है।

वाइट टार्चर वाले रूम में दीवारे, छत और फर्श पूरी तरह से सफ़ेद होती है। उन पर किसी भी तरह का कोई चित्र, आकृति या उस कमरे में कोई घडी भी नहीं होती है। जिसकी वजह से कैदी समय का ट्रैक खो देता है और उसके गुजरते हुए दिन या घंटे और भी लंबे होते जाते है।

वाइट रूम टार्चर की वजह से कैदी वास्तविकता और कल्पना में फर्क नहीं कर सकता, क्योकि लम्बे समय से किसी से बिना बात किये और और एक ही कमरे में कैद हो जाने की वजह से वह मतिभ्रम का शिकार हो जाता है।

वाइट टार्चर वाले कमरे में कैदी इतना उबा हुआ महसूस करने लग जाता है की वह अपनी बुनियादी जीवनशैली की गतिविधियाँ को भी नहीं कर पाता है।

White Room Torture Survivor

वाइट रूम टार्चर के पहले सर्वाइवर, सन्न 2004 की  Amnesty International की रिपोर्ट के अनुसार  Amir Fakhravar  था। बताया जाता है की उसकी सेल में न ही कोई खिड़की थी, दीवारे और फर्श सफ़ेद थी, उसे खाने में भी सफ़ेद चावल सफ़ेद प्लेट में दिए जाते थे।

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वाइट टार्चर के सर्वाइवर अपने अनुभव के आधार पर बताते है की, जब पुरे रूम में सब कुछ सफ़ेद होता हैं और बाहर देखने का और किसी से बात करने को भी नहीं दिया जाता है तो 3 से 4 दिन बाद आप एक मिनट भी उस रूम में रहना सहन नहीं कर सकते, आप बिलकुल भावनात्मक रूप से टूट जाते है, और आप का मन इतना असुरक्षित हो जाता है की, आपसे वहां जो भी पूछा जाता है वो सब बता देते है।

यहाँ तक की अगर कोई आप से कहे की कोई आपका सगा सम्बन्धी मर गया है तो आप विस्वास कर लेते है। अगर कोई आपसे कहे की आपकी पत्नी ने आपको छोड़कर किसी और से शादी कर ली है, तो भी आप मान लेंगे।

एक और वाइट टार्चर सर्वाइवर  Kianush Sanjari  जिन्हे 2006 में टार्चर किया गया था। जो की एक ईरानियन ब्लॉगर है। उन्हें वहां नागरिक अधिकारों को रक्षा करने की वजह से सजा दिया गया था।

White Room Torture Movie

वाइट रूम टार्चर के ऊपर 2 ऐसी फिल्मे जिससे आपको आईडिया हो जायेगा की ये सजा कितनी भयानक है। किस तरह इंसान मनोवैज्ञानिक तौर पर टूट जाता है और क्यों इस सजा का इस्तेमाल किया जाता है।

पहली फिल्म है White Chamber  जिसमे एक औरत को टार्चर किया जाता है, उससे कुछ जानकारी लेने के लिए।

दूसरी फिल्म है The Immaculate Room जिसमे एक जोड़े को 50 दिनों तक एक वाइट रूम में रहना होता है, एक मनोवैज्ञानिक प्रयोग पूरा करने के लिए। अगर वो रह पाते है तो उन्हे इनाम में 5 मिलियन डॉलर दिए जायेंगे।

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Conclusion

White room torture एक बहुत ही क्रूर और अमानवीय सजा है। इसमें कैदी अपना मानसिक संतुलन खो देता है। हमे समाज में इसके खिलाफ जागरूकता फैलानी चाहिए। शारारिक पीड़ा से कही ज्यादा खतरनाक मानसिक पीड़ा होती है। ये ब्लॉग किसी भी तरह के मानव अत्याचारों को बढ़ावा नहीं देता हैं। ये सिर्फ एक जानकारीपूर्ण ब्लॉग है।

FAQ (Questions asked about White Room Torture)

व्हाइट रूम टॉर्चर कितने समय तक चलता है?

जब तक बंदी अपना गुनाह कबुल नहीं कर लेते या उनके बंदी बनाने का मकसद पूरा नहीं हो जाता तब तक उनको मानसिक रूप से टॉर्चर किया जाता हैं। व्हाइट रूम टॉर्चर के दौरान बंदियों को हफ़्तों, महीनों या वर्षों तक हिरासत में रखा जा सकता है।

व्हाइट रूम टॉर्चर दिमाग पर क्या प्रभाव डालता है?

व्हाइट रूम टॉर्चर का इस्तेमाल बंदी को मानसिक रूप से परेशान करने के लिए किया जाता हैं। व्हाइट रूम टॉर्चर के दौरान सारी चीज़ें सफ़ेद होने के कारण बंदी का दिमाग पागलपन के कगार पर पहुँच जाता हैं। बंदी को दिमागी स्तर पर मतिभ्रम होने लगता हैं जिसकी वजह से उसको अजीब चीज़ें दिखाई और सुनाई देने लगती हैं।

व्हाइट रूम टॉर्चर ईरान के अलावा किस देश में इस्तेमाल किया जाता है?

व्हाइट रूम टॉर्चर का प्रयोग ईरान के अलावा Venezuela और USA की Intelligence Services के द्वारा भी प्रयोग किये जाने के सबूत मिले हैं।

व्हाइट रूम टॉर्चर का आविष्कार किसने किया?

व्हाइट रूम टॉर्चर का आविष्कार करने वालों की कोई सटीक जानकारी नहीं हैं। हालाँकि व्हाइट रूम टॉर्चर का पहला केस 2004 मे आया था जब Iran ने इसका प्रयोग Amir Fakhravar पर किया था।

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