दोस्तों हमारा देश अनेकों प्रकार की कथाओं और मान्यताओं से भरा हुआ हैं। हमारे देश के लिए ऐसा कहा जाता हैं की “कोश-कोश पर बदले पानी, चार कोश पर वाणी”। इसका मतलब हमारे देश में हर कोश पर पानी का स्वाद और हर चार कोश पर भाषा बदल जाती हैं। ठीक इसी कहावत की तरह हमारे देश में लोगो की मानयताएं और विश्वास भी कुछ कोश की दुरी पर अलग-अलग मिल जाती हैं। हमारे देश में लोग भगवान के इलावा प्रकृति में मौजूद, गाय, पेड़, नदी, सूर्य, चाँद और न जाने किन-किन चीज़ों की पूजा करते हैं पर क्या आप जानते हैं की एक जगहं ऐसी भी हैं जहाँ लोग एक बुलेट मोटरसाइकिल की पूजा करते हैं। आज इस लेख में हम इस मोटरसाइकिल के पूजे जाने की अनोखी और विचित्र मान्यता के बारे में जानेंगे और ये भी जानेंगे की कैसे धीरे-धीरे Om Banna Story आम जन मानस के बिच प्रचलित हो गई। तो चलिए जानते हैं ओम बन्ना स्टोरी के बारे में विस्तार से।
ओम बन्ना स्टोरी (Om Banna Story)
ओम बन्ना स्टोरी की शुरुवात एक भयानक दुर्घटना से हुई थी। इस दुर्घटना में एक शख्स की मृत्यु हो गई थी जिनका नाम ओम सिंह राठौर इनको ओम बन्ना भी कहा जाता था।
दोस्तों बन्ना शब्द सम्मान का प्रतीक हैं जो की एक राजपूत नौजवान लड़के के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। ओम बन्ना की कहानी के अनुसार 5 मई 1988 को जब ओम बन्ना अपनी बुलेट मोटरसाइकिल से पाली के सांडेराव (Senderao) के पास बंगड़ी (Bangdi) कस्बे से चोटिला (Chotila) के लिए जा रहे थे तभी उन्होंने अपनी मोटरसाइकिल का नियंत्रण खो दिया और एक पेड़ से टकरा गए। ओम बन्ना की वही पर मृत्यु हो गई और उनकी मोटरसाइकिल एक गड्ढे में जा गिरी।
अगले दिन की सुबह को उनकी मोटरसाइकिल, पुलिस एक पास के पुलिस थाने में छान बिन के लिए ले गई। लेकिन उसके अगले ही दिन वह मोटरसाइकिल पुलिस स्टेशन से गायब होकर दुबारा दुर्घटना वाले स्थान पर मिली।
पुलिस फिर से उस मोटरसाइकिल को पुलिस स्टेशन ले आई और उसका सारा पेट्रोल निकाल कर उसे ताले से अच्छे से बांध दिया। ये सब चीजें करने के बावजूद भी मोटरसाइकिल अगले दिन दुर्घटना के स्थल पर ही मिली।
इसके बाद भी पुलिस ने और भी कोशिशे की लेकिन वो नाकामयाब रहे क्योंकि अगले दिन सूरज उगने से पहले ही वो मोटरसाइकिल उसी दुर्घटना स्थल पर पहुँच जाती थी।
एक दिन पुलिस ने अपनी निगरानी में उस मोटरसाइकिल को रखा ताकि उसकी सच्चाई का पता लग सके, पुलिस वालों ने देखा की मोटरसाइकिल खुद ही स्टार्ट हो कर चलने लगी और दुर्घटना वाली जग़ह पर पहुँच गई।
ये सारी बातें वहां की आम जनता के बिच ऐसे फैलने लगी जैसे जंगल में आग। इन सभी चमत्कारों की वजह से लोगो का ओम बन्ना और उनकी बुलेट मोटरसाइकिल पे आलौकिक होने का विश्वास बढ़ने लगा।
धीरे-धीरे आस-पास के गाँव और शहरों में भी ये बात फ़ैल गई और लोग दूर-दूर से यहाँ पूजा करने आने लगे।
ओम बन्ना | बुलेट बाबा (Bullet Baba)
ठाकुर जोग सिंह राठौर के सुपुत्र ओम सिंह राठौर के, दर्दनाक हादसे में मृत्यु होने के उपरांत उनकी मोटरसाइकिल के साथ होने वाली चमत्कारी घटनाओं ने उन्हें विख्यात कर दिया। पुलिस ने भी उनकी मोटरसाइकिल उनके परिजनों को दे दी।
जब इस आलौकिक घटना के बारे में उनके पिता को पता चला तब उन्होंने अपने पुत्र के नाम पर उसी जग़ह एक मंदिर बनवाने का फैसला किया। मंदिर बनने के बाद से लोग यहाँ पूजा करने के लिए आने लगे और तब से ही ओम सिंह राठौर बुलेट बाबा के नाम से विख्यात हो गए।
बुलेट बाबा टेम्पल | ओम बन्ना धाम (Om Banna Temple)
ओम बन्ना के मंदिर बनने के बाद से यहाँ से गुजरने वाले बहुत से यात्री सुरक्षित यात्रा की कामना करने के लिए आने लगे।कुछ लोग तो यहाँ शराब की बोतले भी चढ़ाते है।
अलग-अलग लोग ओम बन्ना धाम में बुलेट मोटरसाइकिल की पूजा अलग-अलग तरीके से करते हैं। जैसे की कई लोग तो तिलक लगा कर लाल धागा बाँधते हैं तो कई लोग उस पर फूलों की माला चढ़ाते है।
आज भी लोग उस पेड़ पर जिससे ओम बन्ना की मोटरसाइकिल टकराई थी चूड़ियां, लाल कपडा, धागे इत्यादि बांधते और चढ़ाते हैं। इसके इलावा बुलेट बाबा के मंदिर में ओम बन्ना के नाम से लोकगीत भी गाये जाते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion)
ओम सिंह राठौर (जो की अब ओम बन्ना के नाम से लोकप्रिय हैं) के इस कहानी से ये तो अब तक आप जान ही गए होंगे की हमारे देश में चमत्कार को नमस्कार करते हैं। लोगो का किसी आस्था के ऊपर विश्वास करना उनके लिए बहुत बार फायदेमंद तो कभी नुकशानदायक भी साबित हो जाता हैं।
लेकिन बुलेट बाबा के ऊपर विश्वास के मामले में लोगो को फायदा ही हुआ है। क्योंकि जो भी इस रास्ते से ओम बन्ना टेम्पल में पूजा करके जाता हैं, उनका मानना हैं की उनकी यात्रा अच्छी और सुरक्षित होती हैं। उनका मानना कई माईनो में सही भी हैं क्योंकि आस्था बहुत बार हमे नई आशा और जीने का नया तरीका सिखाती हैं।
तो दोस्तों Om Banna Story से जुड़े चमत्कारों से आप कितने प्रभावित हुए, जो भी हो आप जब कभी भी बुलेट बाबा टेम्पल के रास्ते से जाएंगे तो एक बार इस बुलेट मोटरसाइकिल के दर्शन जरूर करियेगा और अपने अनुभवों को हमारे साथ जरूर साझा करियेगा।
FAQ (Questions asked about Bullet Baba Rajasthan)
पाली से ओम बन्ना की दुरी कितनी हैं?
पाली से ओम बन्ना की दुरी लगभग 20 किलोमीटर हैं।
जोधपुर से ओम बन्ना टेम्पल की दुरी क्या हैं?
ओम बन्ना टेम्पल जोधपुर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पाली शहर के पास चोटिला गाँव में स्तिथ हैं।
बुलेट बाबा टेम्पल कौन से हाईवे पर हैं?
ओम बन्ना धाम या बुलेट बाबा टेम्पल जोधपुर-पाली एक्सप्रेसवे NH-62 पर हैं।
ओम बन्ना के बाइक का नंबर क्या हैं?
ओम बन्ना की बाइक एक 350cc की रॉयल एनफील्ड बुलेट बाइक है जिसका नंबर RNJ 7773 हैं।