आज इंडिया गेट दिल्ली के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है। हर दिन हज़ारों लोग इंडिया गेट घूमने के लिए आते है। यदि आपने कभी इसे देखा होगा तो आपके मन में भी ये सवाल आया होगा की आखिर इंडिया गेट का इतिहास क्या है? या इसे किसने बनवाया था? इस लेख में आप India Gate History in Hindi जानेंगे। इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आपको ऐसे सभी प्रशनों के उत्तर मिल जायेंगे।
India Gate History in Hindi
इंडिया गेट एक युद्ध स्मारक है। इसका नाम पहले ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल था। ये उन 84 हज़ार इंडियन आर्मी के सिपाहियों का स्मारक है, जो की 1914 से 1921 के बीच प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो-अफगान युद्ध में शहीद हो गए थे।
इस स्मारक द्वार का डिज़ाइन इंग्लिश आर्किटेक्ट सर एडविन लैंडसीर लुटियंस द्वारा बनाया गया था। सर एडविन लुटियंस ने 66 युद्ध स्मारक के डिज़ाइन यूरोप में बनाये थे।
इसके अलावा वो इंपीरियल वॉर ग्रेव्स कमीशन (IWGC) के सदस्य भी थे। इंडिया गेट के निर्माण का काम भी इंपीरियल वॉर ग्रेव्स कमीशन के काम का हिस्सा था।
इंडिया गेट के बनने की आधारशिला ड्यूक ऑफ कनॉट के द्वारा 10 फरवरी 1921 को रखी गई थी। शिलान्यास के लगभग दस साल बाद 12 फरवरी 1931 को इस युद्ध स्मारक का उद्घाटन वाइसरोय लॉर्ड इरविन ने किया।
इंडिया गेट के नीचे अमर जवान ज्योति की संरचना बनी हुई है। अमर जवान ज्योति का उद्घाटन 26 जनवरी 1972 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा किया गया था।
1971 के दिसंबर में बांग्लादेश की आजादी के लिए युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में अमर जवान ज्योति का निर्माण किया गया था।
India Gate Architecture Facts
- इंडिया गेट पीला और लाल बलुआ पत्थर और ग्रेनाइट से मिलकर बना हुआ है। और इसका निचला आधार लाल भरतपुर पत्थर से बना है। इसके अलावा इसे कई चरणों में बनाया गया है।
- इंडिया गेट की ऊंचाई 42 मीटर यानी 138 फ़ीट है और इसकी चौड़ाई 9.1 मीटर यानी 30 फ़ीट है।
- इंडिया गेट एक षटकोणीय परिसर (hexagonal complex) में स्तिथ है।
- इंडिया गेट के सबसे टॉप पर एक उथला गुंबददार कटोरा है।
- इंडिया गेट के मेहराब के दोनों तरफ INDIA शब्द लिखा हुआ है। और उसके दोनों ओर MCMXIV (बाईं ओर) और MCMXIX (दाईं ओर) लिखा हुआ है। जिसका मतलब 1914 और 1919 साल है।
- INDIA शब्द के नीचे बड़े अक्षरों में लिखा है:
To the dead of the Indian Armies who fell and are honoured in France and Flanders, Mesopotamia and Persia, East Africa, Gallipoli and elsewhere in the Near and Far East and in Sacred Memory also of those whose names are here recorded and who fell in India on the North West Frontier and during the Third Afghan War.
- इंडिया गेट की संरचना आयताकार है। और इसके चारों साइड्स पर एक बड़ा तोरणद्वार (archway) है। लेकिन इसके दो मेहराब बड़े और ऊंचे है और दो मेहराब छोटे है।
- इंडिया गेट से लगभग 150 मीटर यानी 490 फ़ीट पूर्व की ओर जहाँ छह सड़कों का जंक्शन है वहा पर एक 73 फीट यानी 22 मीटर ऊँचा गुंबद है।
Activities Around India Gate
- इंडिया गेट को हर शाम 7 बजे से रात के 9:30 बजे तक रंगीन लाइटों से प्रकाशित किया जाता है।
- इंडिया गेट से कई वाहन (जैसे कार, बाइक आदि) गुजरते रहते हैं। लेकिन कभी-कभी कुछ मौकों या अन्य कारणों से इंडिया गेट से गुजरने वाला यातायात बंद कर दिया जाता है।
- गणतंत्र दिवस की परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होकर इंडिया गेट के आस-पास से गुजरती है।
- इंडिया गेट पर कई तरह के प्रदर्शन होते रहते है। यहाँ पर बहुत से लोग दूसरी जगहों से आकर कई तरह के मुद्दों पर नारे लगाते है और प्रदर्शन करते है।
- इन सबके अलावा इंडिया गेट और इसके आस-पास की जगहों को कई फिल्मों में दिखाया गया है। यहां आपको कई लोग वीडियो कंटेंट बनाते हुए और वीडियो शूटिंग करते हुए भी दिख जाएंगे।
- इन सब के अलावा इंडिया गेट और उसके आस-पास की जगहों को बहुत सी मूवीज में दिखया गया है। यहां बहुत से लोग आपको वीडियो कंटेंट बनाते हुए और शूटिंग करते हुए भी दिख जायेंगे।
- इंडिया गेट पर 13,313 नाम लिखे हैं, जिनमे से 12,357 नाम भारतीय हैं।
India Gate Timing & Entry Fees
- इंडिया गेट सुबह से रात तक खुला रहता है। आप इंडिया गेट घूमने किसी भी समय जा सकते है।
- इंडिया गेट घूमने के लिए आपको कोई भी एंट्री फीस नहीं देनी है।
- इंडिया गेट या उसके आसपास फोटोग्राफी करना बिल्कुल मुफ्त है।
- आप गणतंत्र दिवस जैसे कुछ विशेष अवसरों को छोड़कर इंडिया गेट घूमने के लिए किसी भी दिन जा सकते है।
निष्कर्ष (Conclusion)
इंडिया गेट घूमने के लिए बहुत से पर्यटक देश विदेश से आते रहते हैं। इंडिया गेट ब्रिटिश काल का बना एक युद्ध स्मारक है। इसके पास कई तरह की चीजें / एक्टिविटीज होती रहती हैं।
इंडिया गेट हर शाम रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठता है। और इसके आस-पास का दृश्य बहुत ही मनोरम हो जाता है।
इंडिया गेट और इसके नीचे दिन रात जलने वाली अमर जवान ज्योति हमें उन सिपाहियों के साहस और वीरता की याद दिलाता है जिन्होंने युद्ध में अपने प्राण दे दिए।
आपको ये लेख कैसा लगा आप हमें कमेंट करके बता सकते है। और इस लेख को शेयर जरूर करें ताकि अन्य लोगों को इंडिया गेट के इतिहास के बारे में पता चल सके।
Read More: जाने दिल्ली के कुतुब मीनार के बनने की कहानी
FAQ (Frequently Asked Questions)
इंडिया गेट के निर्माण का काम 10 फरवरी 1921 को शुरू हुआ और इसका 12 फरवरी 1931 को उद्घाटन किया गया।
इंडिया गेट के सबसे नजदीक खान मार्केट मेट्रो स्टेशन है जो की वायलेट लाइन पर पड़ता है। इसके बाद इंडिया गेट के सबसे नजदीक केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन है जो की येलो और वायलेट लाइन दोनों पर पड़ता है।
इंडिया गेट का डिज़ाइन सर एडविन लैंडसीर लुटियंस ने बनाया था।
इंडिया गेट कर्तव्य पथ पर नई दिल्ली में स्तिथ है।