पंडित जवाहरलाल नेहरू आज़ाद भारत के पहले प्रधान मंत्री बने थे। उन्होंने हमारी आज़ादी की लड़ाई में एक अहम भूमिका निभाई है। इस लेख में हमने Pandit Jawaharlal Nehru की जीवनी लिखी है। इस जीवनी में आपको जवाहरलाल नेहरू के इतिहास और उनके जीवन के बारे में बहुत सी चीज़ें जानने को मलेंगी। जैसे की उनका जन्म, बच्चे, पत्नी, परिवार, पढाई-लिखाई, इत्यादि। इसके अलावा उनके द्वारा किये गए महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में भी जानने को मिलेगा।
Pandit Jawaharlal Nehru Biography
Pandit Jawaharlal Nehru के पिताजी का नाम पंडित मोतीलाल नेहरू और उनकी माताजी का नाम स्वरुप रानी नेहरू था। जवाहरलाल नेहरू ने अपने स्नातक की पढ़ाई के दौरान राजनीति, अर्थशास्त्र, इतिहास और साहित्य का अध्यन बहुत मन लगाकर किया। अपनी स्नातक की पढाई करने के बाद वे लंदन लॉ की पढाई करने चले गए।
जवाहरलाल नेहरू ने कानून (Law) का प्रशिक्षण लंदन शहर के इनर टेम्पल (Inner Temple) से किया था। वे इंग्लैंड से भारत एक वकील (Barrister) बन के आये थे। और उनका नाम इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक वकील के तौर पर नामांकित भी किया गया।
वे पेशे से एक वकील थे। लेकिन धीरे-धीरे उनकी भारत की राजनीति में दिलचस्पी बढ़ने लगी और वे वकालत छोड़ इंडियन नेशनल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए। और पूरी तरह से वे भारत की राजनीति को समर्पित हो गए। जब वे 1929 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने तब उन्होंने ब्रिटिश राज से पूर्ण आजादी की बात रखी।
जवाहरलाल नेहरू की पहली सबसे बड़ी भागीदारी 1920 के असहयोग आंदोलन से शुरू हुई। उन्होंने इस आंदोलन का संयुक्त प्रांत (उत्तर प्रदेश) में नेतृत्व किया।
उन्हें 1921 में सरकार विरोधी गतिविधियाँ करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया लेकिन कुछ महीनों बाद ही उन्हें छोड़ दिया गया। उन्होंने दूसरे देशो से भारत के लिए रिश्ते भी जोड़े ताकि वे अपनी आज़ादी की बात पूरी दुनियाँ तक पंहुचा सकें।
पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के 16 सालों तक प्रधान मंत्री बने रहे। जवाहरलाल नेहरू को बहुत बार मारने की कोशिशे भी की गयी हैं। पहली बार साल 1947 में, दूसरी बार साल 1955 में इसके अलावा कई और बार भी ये कोशिशे की गयी परन्तु वो सभी विफल हो गयी।
Jawaharlal Nehru’s family starting
कुछ दर्ज़ दस्तावेजों के अनुसार जवाहरलाल नेहरू के परिवार की शुरुआत राज कौल से हुई थी। राज कौल एक कश्मीरी पंडित थे। ऐसा मानना है की वे साल 1716 में कश्मीर से दिल्ली आये थे।
राज कौल को एक जागीर के साथ नहर के किनारे पर एक घर भी दिया गया। नहर के पास घर होने की वजह से उनके नाम के आगे नेहरू जुड़ गया।
वे धीरे-धीरे कौल की जगह नेहरू के नाम से पहचाने जाने लगे। कुछ सालों बाद कौल हटकर सिर्फ नेहरू ही बच गया और तब से उनके पुरे परिवार के लोग नेहरू उपनाम का इस्तेमाल करने लगे।
Jawaharlal Nehru Information | About Jawaharlal Nehru in Hindi
Jawaharlal Nehru wife
पंडित जवाहरलाल नेहरू की पत्नी का नाम कमला कौल है। कमला नेहरू का जन्म 1 अगस्त 1899 में ब्रिटिश शासन काल के दौरान पुरानी दिल्ली में हुआ था।
वे एक कश्मीरी पंडित परिवार से थी जो की दिल्ली में बस गए थे। वे अपने माता-पिता की सबसे बड़ी संतान थी। और इसके अलावा उनके दो भाई (चंद बहादुर कौल और कैलास नाथ कौल) और एक बहन (स्वरूप कठजू) भी थी।
कमला नेहरू की सिर्फ एक पुत्री थी जिनका जन्म नवंबर 1917 में हुआ था और उनका नाम इंदिरा प्रियदर्शनी था। इंदिरा प्रियदर्शनी का नाम शादी के बाद इंदिरा प्रियदर्शनी गाँधी (इंदिरा गाँधी) हो गया और वे भारत की पहली महिला प्रधान मंत्री भी बनी थी।
कमला कौल का विवाह जवाहरलाल नेहरू से साल 1916 में 16 साल की उम्र में ही हो गया था। कमला नेहरू की मृत्यु टीबी और बीमार रहने की वजह से 28 फरवरी 1936 को मात्र 36 साल की उम्र में हो गयी थी।
Jawaharlal Nehru date of birth
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 में हुआ था।
Jawaharlal Nehru religion
पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू कश्मीरी मूल के समृद्ध ब्राह्मण (कश्मीरी पंडित) थे। जवाहरलाल नेहरू सनातान अर्थात हिन्दू धर्म के थे और उनकी जाती सारस्वत ब्राह्मण थी।
Jawaharlal Nehru daughter
पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी नेहरू है। इंदिरा प्रियदर्शनी नेहरू का जन्म इलाहाबाद शहर (आज प्रयागराज) में 19 नवंबर 1917 में हुआ था।
उनकी शादी फिरोज गाँधी से हुई थी। वे भारत की तीसरी प्रधान मंत्री (और पहली महिला प्रधान मंत्री) बनी थी। इंदिरा गाँधी के बाद अभी तक भारत की कोई भी महिला प्रधान मंत्री नहीं बनी हैं।
इंदिरा गाँधी के दो बच्चे थे जिनका नाम राजीव गाँधी और संजय गाँधी था। उनकी मृत्यु 66 साल की उम्र में 31 अक्टूबर 1984 को हुई थी।
उनकी हत्या उनके अंगरक्षकों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह के द्वारा ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद सुबह लगभग 9 बजकर 30 मिनट पर की गयी थी।
Jawaharlal Nehru Father
भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू हैं। मोतीलाल नेहरू का जन्म 6 मई 1861 को आगरा में हुआ था। वे एक जाने-माने भारतीय वकील, कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे।
मोतीलाल नेहरू की पत्नी का नाम स्वरूप रानी थुस्सू था और उनके तीन बच्चे थे। उनके बच्चों का नाम जवाहरलाल नेहरू, विजया लक्ष्मी पंडित और कृष्णा नेहरू था। मोतीलाल नेहरू की मृत्यु 6 फरवरी 1931 को लखनऊ में हुई थी।
Jawaharlal Nehru death
पंडित जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु 27 मई 1964 को हुई थी। ऐसा माना जाता है की उनकी मृत्यु का कारण हार्ट अटैक था। क्योंकि जब वे 26 मई को देहरादून से लौटे थे तब बिलकुल ठीक दिखाई दे रहे थे और हमेशा की तरह रात के 11 बज कर 30 मिनट पर सोने के लिए चले गए।
अगले दिन सुबह उन्होंने अपने डॉक्टरों से अपने कमर दर्द के बारे में बताया और अचानक बेहोश हो गए और फिर वे कभी नहीं उठे अर्थात उनकी मृत्यु हो गयी थी।
उनके मृत्यु के अगले दिन यानी 28 मई को यमुना नदी के तट पर शांतिवन में अंतिम संस्कार हिन्दू रीती-रिवाज़ों के साथ किया गया।
Jawaharlal Nehru education
पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी स्कूली पढाई इंग्लैंड में स्तिथ हैरो स्कूल से की थी। इसके अलावा उन्होंने अपनी कॉलेज के पढाई कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से की थी।
उन्होंने 1910 में प्राकृतिक विज्ञान (Natural Sciences) में ऑनर्स की डिग्री ली और एक स्नातक की उपाधि को प्राप्त किया।
Jawaharlal Nehru’s son
जवाहरलाल नेहरू का कोई भी पुत्र (son) नही था। उनकी सिर्फ एक पुत्री (daughter) थी। और उनकी पुत्री का नाम इंदिरा प्रियदर्शनी नेहरू था। फिरोज गाँधी से शादी करने के बाद जवाहरलाल नेहरू की पुत्री को इंदिरा गाँधी के नाम से जाना जाने लगा।
Jawaharlal Nehru’s birth place
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म स्थल ब्रिटिश भारत के उत्तर-पश्चिमी प्रांत में स्तिथ इलाहाबाद शहर में हुआ था।
निष्कर्ष (Conclusion)
पंडित जवाहरलाल नेहरू का वास्तविक उपनाम कौल है। वे एक कश्मीरी मूल के पंडित थे। उनके पहले दर्ज़ पूर्वज राज़ कौल कश्मीर से दिल्ली आये थे। वे बहुत ही सरल और सुलझे हुए इंसान थे।
उनके ऊपर इतने हमले और उनका जीवन खतरे में होने के बावजूद भी वे अपने आस-पास ज्यादा सुरक्षा नहीं चाहते थे। क्योंकि वे नहीं चाहते थे की उनकी वजह से यातायात बाधित हो और आम लोग परेशान हो।
पंडित जवाहरलाल नेहरू की जीवनी को पढ़ने के बाद आप उनके और उनके द्वारा हमारे देश के भले के लिए किये गए कार्यों के बारे मे जान गए होंगे।
उनके जीवन की यात्रा के बारे में पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे की उन्होंने क्या कुछ नहीं सहा होगा और न जाने कितनी बार जेल भी गए होंगे।
लेकिन फिर भी उन्होंने भारत की आज़ादी के सपने को साकार करने में कोई कशर नहीं छोड़ी। और आज उन्हीं सैकड़ो क्रांतिकारियों और नेताओं के त्यागों और कोशिशों के फल स्वरूप हम आजादी की सांस ले पा रहे हैं।
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