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What is Article 370 in Hindi: जाने अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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कश्मीर के महाराजा हरी सिंह ने अक्टूबर 1947 में जम्मू और कश्मीर को भारत सरकार को कुछ शर्तों के तहत हस्तांतरित किया था। फिर 1948 में महाराजा हरी सिंह ने एक अंतरिम सरकार बनाई जिसका प्रधान मंत्री शेख अब्दुल्लाह को बनाया। तब से अनुच्छेद 370 चला आ रहा था। इस लेख में आपको पता चेलगा की what is Article 370 in Hindi इसके अलावा आपको इस लेख में आर्टिकल 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिय गए फैसला के बारे में भी पता चलेगा।

What is Article 370 in Hindi

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कश्मीर के महाराजा हरी सिंह ने अक्टूबर 1947 में एक विलय पत्र पर हस्ताक्षर किया, जिसमें तीन विषय उल्लिखित थे। इन्ही तीन विषयों के तहत जम्मू और कश्मीर को भारत सरकार को हस्तांतरित किया गया। वे तीन विषय थे विदेशी कार्य (फ़ौरन अफेयर्स), डिफेन्स और कम्युनिकेशन।

महाराजा हरी सिंह ने मार्च 1948 में राज्य में एक अंतरिम सरकार बनाई। जिसका प्रधान मंत्री शेख अब्दुल्लाह को बनाया गया।

प्रधान मंत्री बनने के बाद शेख अब्दुल्ला और तीन अन्य सहयोगी ने 1949 की जुलाई में भारतीय संविधान सभा में शामिल होकर जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस की बातचीत की। उस वार्तालाप के फलस्वरूप अनुच्छेद 370 को अपनाया गया।

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जुलाई में, शेख अब्दुल्ला और तीन अन्य सहयोगी भारतीय संविधान सभा में शामिल हुए और जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति पर बातचीत की, जिसके परिणामस्वरूप अनुच्छेद 370 को विवादास्पद प्रावधान शेख अब्दुल्ला द्वारा तैयार किया गया था। अनुच्छेद 370 के विवादित प्रावधानों को शेख अब्दुल्ला ने तैयार किया था।

अनुच्छेद 370 के अंतर्गत आने वाले कुछ प्रावधान

  • आर्टिकल 370 के अनुसार जम्मू-कश्मीर में रह रहे लोगों के लिए संपत्ति पर मालिकाना हक़ को लेकर, नागरिकता और मौलिक अधिकारों को लेकर कानून देश के अन्य रह रहे लोगों के कानून से अलग होंगे। दूसरे राज्य के लोग जम्मू-कश्मीर में संपत्ति नहीं खरीद सकते। इसके अलावा आर्टिकल 370 के अनुसार केंद्र सरकार के पास जम्मू-कश्मीर में वित्तीय आपातकाल घोषित करने की शक्ति भी नहीं है।
  • जम्मू-कश्मीर में कानून लागू करने के लिए संसद को जम्मू-कश्मीर सरकार की मंजूरी लेनी पड़ेगी। हालांकि कुछ मामलों को छोड़कर जैसे रक्षा, विदेश मामले, वित्त और संचार।
  • अनुच्छेद 370(1)(सी) के अनुसार जम्मू और कश्मीर भारतीय संघ के अंदर एक राज्य के रूप में बंधे हुए हैं। अनुच्छेद 1 अनुच्छेद 370 की मदद से लागू होता है। अनुच्छेद 370 को राष्ट्रपति के आदेश पर हटाया जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो जम्मू और कश्मीर को तब तक एक स्वतंत्र राज्य कहा जाएगा जब तक कि नए कानून नहीं बन जाते।

आर्टिकल 370 से सम्बंधित तथ्य

भारतीय सविंधान के आर्टिकल 370 को लगाकर जम्मू और कश्मीर को स्पेशल स्टेटस प्राप्त है। जम्मू और कश्मीर, कश्मीर के बड़े क्षेत्र का एक हिस्सा है। जिस पर 1947 के बाद से ही भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच कई सालों तक विवाद चला। आर्टिकल 370 को तीन विशेष टाइटल्स प्राप्त है। और वे है-

  • अस्थायी (Temporary)
  • संक्रमणकालीन (Transitional)
  • विशेष प्रावधान (Special Provisions)
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अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर राज्य को अलग से बहुत सारी शक्तियाँ प्रदान करता है। जैसे की-

  • अलग झंडा
  • अलग संविधान
  • कानून बनाने की क्षमता

हालाँकि कुछ मामलों को लेकर भारतीय संघ का जम्मू और कश्मीर पर पूर्ण नियंत्रण है। जैसे की-

  • रक्षा (Defence)
  • विदेश मामले (Foreign Affairs)
  • वित्त और संचार (Finance and Communications)

सुप्रीम कोर्ट का आर्टिकल 370 पर फैसला

supreme court verdict on article 370 in 2023

11 दिसंबर 2023 को एक पांच जजों के संविधान पीठ ने अनुच्छेद 370 और पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के संबंध में दायर की गई याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया।

इन पांच जजों के संविधान पीठ की अध्यक्षता भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने की। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिसस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत भी शामिल थे।

सुप्रीम कोर्ट ने 11 दिसंबर को अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को सही ठहराया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्शन कमिशन ऑफ़ इंडिया को जम्मू-कश्मीर विधान सभा का चुनाव 30 सितंबर 2024 तक करवाने के लिए कहा।

इन फैसलों के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को भी बरकरार रखा। केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को 5 अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था। इस अनुच्छेद के तहत जम्मू और कश्मीर को स्पेशल स्टेटस मिला हुआ था।

निष्कर्ष (Conclusion)

भारतीय संविधान के आर्टिकल 370 की वजह से जम्मू और कश्मीर को स्पेशल स्टेटस मिला हुआ था। जिसके तहत वहां की सरकार को अपना कानून बनाने की आज़ादी थी और किसी भी संसद के कानून को जम्मू और कश्मीर में लागू करने के लिए वहां के सरकार की मंजूरी लेनी पड़ती थी।

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भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के अपने चुनावी घोषणापत्र में आर्टिकल 370 को निरस्त करने की बात कही थी और उन्होंने वैसा ही किया। मोदी सरकार के बनते ही अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त कर दिया गया।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

सरल शब्दों में अनुच्छेद 370 क्या है?

अनुच्छेद 370 के अनुसार जम्मू और कश्मीर राज्य को स्पेशल स्टेटस प्राप्त है। जिसके तहत वे अपने राज्य के निवासियों के लिए कानून बनाने की क्षमता रखता है। इसके अलावा जम्मू और कश्मीर के स्थायी निवासियों को विशेष सुविधाएँ मिलती है।

आर्टिकल 370 को कब हटाया गया था?

मोदी सरकार ने पावर में आते ही भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के अपने वादे को पूरा किया और 5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 को रद्द कर दिया गया।

आर्टिकल 370 के हटने का मतलब क्या है?

आर्टिकल 370 के हटने का मतलब है की जम्मू और कश्मीर का कोई अलग झंडा नहीं होगा, दूसरा संविधान नहीं होगा और भारत के सभी नियम कश्मीरी लोगों पर भी लागू होंगे। इसके अलावा दूसरे राज्यों के लोग भी जम्मू और कश्मीर में संपत्ति खरीद सकेंगे।

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